tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post7904790485365999820..comments2024-03-20T11:47:25.959+05:30Comments on सबद: चार नई कविताएं : कुॅंवर नारयणUnknownnoreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-36866855196255241492015-09-01T19:06:12.063+05:302015-09-01T19:06:12.063+05:30अंतिम पंक्तियाँ जबरदस्तअंतिम पंक्तियाँ जबरदस्तDayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-77525775926218259262015-08-31T18:25:55.776+05:302015-08-31T18:25:55.776+05:30अदभुत। हर बार अपनी कविता के जादू से कुंवर जी अवाक ...अदभुत। हर बार अपनी कविता के जादू से कुंवर जी अवाक कर देते हें।Om Nishchalhttps://www.facebook.com/om.nishchal?fref=ufinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-43981708395122530172015-08-31T08:48:04.370+05:302015-08-31T08:48:04.370+05:30कुँवर नारायण जी की कविता में जीवन, जगत और प्रकृति ...कुँवर नारायण जी की कविता में जीवन, जगत और प्रकृति के पुनर्सृजन की कोशिशें तथा उनका आह्वान जिस विविधता के साथ अभिव्यक्त होता मिलता है, वह एक कवि के रूप में उनके सतत् अन्वेषी होने के भरोसे को और पुख्ता करता जाता है ।MUKESH MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/11974012187975083599noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-78916569412627865742015-08-31T07:52:40.495+05:302015-08-31T07:52:40.495+05:30इन्हें हम तक पहुँचाने के लिए धन्यवादइन्हें हम तक पहुँचाने के लिए धन्यवादअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-77619780372241695362015-08-31T02:09:18.260+05:302015-08-31T02:09:18.260+05:30इससे अच्छा है एक नयी गॉंठ डालें
और शुरू करें बुनन...इससे अच्छा है एक नयी गॉंठ डालें<br /><br />और शुरू करें बुनना<br /><br />कोई नया सपना<br /><br />bahut shukriya in kavitaon ke liye<br />Reva Nag Bodashttps://www.facebook.com/reva.bodas?fref=ufinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-86231991081524698642015-08-31T00:29:26.272+05:302015-08-31T00:29:26.272+05:30बहुत सुंदर कविताएं हैं।
खासकर, आवाजें कविता आज के ...बहुत सुंदर कविताएं हैं।<br />खासकर, आवाजें कविता आज के युद्धरत दुनिया में एक कलाकार की आवाज का जिन्दा रहना कितना जरुरी है दर्शाती है।<br />हर पल, हर बात पर मारकाट के लिये आतुर इस दुनिया में एक कलाकार अकेला होने को ही अभिशप्त है।Avinashhttps://www.blogger.com/profile/13255219643130766423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-79636352985980752812015-08-31T00:14:55.543+05:302015-08-31T00:14:55.543+05:30Anupama Pathak 'हमारे साम्राज्य में सूर्यास्त ...<br />Anupama Pathak 'हमारे साम्राज्य में सूर्यास्त नहीं होता' --<br />कभी एक साम्राज्य ने कहा था गर्व से<br />साम्राज्य डूब गया,<br />सूर्योदय होता रहा पूर्ववत... <br />*** *** ***<br />आभार इस प्रस्तुति के लिए.... !!<br /><br />*** *** ***<br />सबद की यात्रा चलती रहे सूर्योदय सूर्यास्त की तरह ही पूर्ववत... अनवरत... !!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com