tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post484490307993846968..comments2024-03-20T11:47:25.959+05:30Comments on सबद: फिर भी कुछ लोगUnknownnoreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-53451102893528492172009-11-29T10:33:12.362+05:302009-11-29T10:33:12.362+05:30kavi ko badhai aur bhavishya k liye anek shubhkamn...kavi ko badhai aur bhavishya k liye anek shubhkamnayen.aapka vishleshan khasa rochak aur uksau hai.Ratneshhttps://www.blogger.com/profile/17061171991489206144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-82525522259139595172009-08-19T07:23:41.357+05:302009-08-19T07:23:41.357+05:30बकौल शिरीष मौर्य,व्योमेश शुक्ल की कविताएं समकालीन ...बकौल शिरीष मौर्य,व्योमेश शुक्ल की कविताएं समकालीन कविता में नए युग की शुरुआत का विनम्र घोषणापत्र है. मैं इस वक्तव्य से 'विनम्र' शब्द हटा देना चाहूँगा (शिरीष जी से इस धृष्टता के लिए क्षमा-याचना सहित). विनम्रता इस घोषणापत्र का आवश्यक गुण है भी नहीं शायद; बल्कि उसे तो 'इन-योर-फेस' होना चाहिए. 'यथास्थिति को बचा लेने की कोशिशों' और 'दुर्घटनाग्रस्त' होने के खतरों से डरने वाले समकालीनों के खिलाफ़ वक्तव्य देने के लिए कहन में कुछ औद्धत्य ज़रूरी है. <br />दूरदर्शन से सॅटॅलाइट टेलिविज़न के संक्रमण काल में किशोरावस्था में कदम रखने वाली पीढ़ी का ऐसा गहन अंतर्द्वंद्व और कहीं नहीं मिला. इस भारतीय 'जेनरेशन-एक्स' की दुनियावी उपलब्धियों, फैशनेबल मान्यताओं और अभिनव तौर-तरीकों के आख्यानों के पार जो कुछ 'युवा' है वह व्योमेश शुक्ल की कविता में देखा जा सकता है. <br />चूंकि रवायत है, पहले संकलन के प्रकाशन पर कवि को बधाई.भारत भूषण तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/12706567132548135848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-76392535491677780142009-08-19T02:18:49.532+05:302009-08-19T02:18:49.532+05:30सुंदर सुखद अभिव्यक्ति...सुंदर सुखद अभिव्यक्ति...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-697798384914046182009-08-18T21:35:24.265+05:302009-08-18T21:35:24.265+05:30पढ़कर अच्छा लगा। अनुराग वत्स की विशेषता है कि वो ज...पढ़कर अच्छा लगा। अनुराग वत्स की विशेषता है कि वो जो लिखते हैं, वह मन से लिखते हैं। इसलिए आप जब भी उनका लिखा पढ़ते है, तो सुखद अनुभूति होती है।abhishekhttps://www.blogger.com/profile/01532917767245824704noreply@blogger.com