tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post8809621353832587286..comments2024-03-20T11:47:25.959+05:30Comments on सबद: सिद्धान्त मोहन तिवारी की कविताएंUnknownnoreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-85941475914120813682013-03-23T08:46:30.109+05:302013-03-23T08:46:30.109+05:30बेहतरीन अभिव्यक्ति,बोलते हुए से शब्द...बेहतरीन अभिव्यक्ति,बोलते हुए से शब्द...Kanchan Lata Jaiswalhttps://www.blogger.com/profile/12928540915299608831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-4503916072488093822011-10-07T18:35:48.793+05:302011-10-07T18:35:48.793+05:30इनके भीतर का उफ़ान इनकी कविताओं में झलक रहा है. सुन...इनके भीतर का उफ़ान इनकी कविताओं में झलक रहा है. सुन्दर कवितायेँ.<br />कुछ शब्दों की वर्तनी दुरुस्त हो जाए तो ये और इफेक्टिव लगेंगी जैसे कि फ़िर कि जगह फिर, नतीज़ा की जगह नतीजा. कुछ जगहों पर अनावश्यक नुक्ते जड़ गए हैं. (शायद सॉफ्टवेयर की प्रॉब्लम रही हो.)<br />आखिरी कविता में घिघियाता हुए विद्रोह का स्वर नोटेबल ( और नया सा भी ) है. आखिरी कविता यानी 'भगवान अमरीका' बहुत भायी.बाबुषाhttps://www.blogger.com/profile/05226082344574670411noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-91159056765938523582011-07-27T07:58:08.404+05:302011-07-27T07:58:08.404+05:30अपनी साफबयानी, मौलिक-मुखर शिल्प-शैली और जबरदस्त ...अपनी साफबयानी, मौलिक-मुखर शिल्प-शैली और जबरदस्त संप्रेषनीयता से सुखद आश्चर्य में डाल देने वाली कविताएं... कवि को बधाई और उपलब्ध कराने के लिए 'सबद' का आभार...Shyam Bihari Shyamalhttps://www.blogger.com/profile/02856728907082939600noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-43175236566045752902011-01-20T15:35:16.805+05:302011-01-20T15:35:16.805+05:30४रों कविताएं बहुत अच्छी लगीं ...इस में""...४रों कविताएं बहुत अच्छी लगीं ...इस में""" फिर से ""में काफी सकारत्मक सोच है कही खुद को जीने की या अभिव्यक्त करने की ....तिवारी जी को बहुत बहुत शुभकामनायें...nirmal paneriTravel Trade Servicehttps://www.blogger.com/profile/11770735608575168790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-42078195875888930192011-01-20T14:57:43.683+05:302011-01-20T14:57:43.683+05:30मुझे माफ़ करने की कोशिश करना
मेरे भगवान
अगर तुम्हा...मुझे माफ़ करने की कोशिश करना<br />मेरे भगवान<br />अगर तुम्हारा मन करे तो<br />ना मन करे तो<br />नहीं भी करने की ख़्वाहिश<br />तुम ज़ाहिर कर सकते हो....<br /><br />...बहुत ही भावपूर्ण.mark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-38639808812516248882011-01-20T14:45:26.762+05:302011-01-20T14:45:26.762+05:30चारों बेहतरीन कवितायें, बस लिखते रहिये।चारों बेहतरीन कवितायें, बस लिखते रहिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-30647750789785078782011-01-20T12:20:18.296+05:302011-01-20T12:20:18.296+05:30jabardast kavitayen>>>>khastaur se keh...jabardast kavitayen>>>>khastaur se kehna: Koshish karna mujhe maaf na karne ki>> Dhanyavad Anurag bhai>>>Dr Shaleen Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/00200370280313255921noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-50958659722259175002011-01-19T08:46:13.941+05:302011-01-19T08:46:13.941+05:30दुःख तो इस बात का है
अब कुछ जवान होती लड़कियों ने
...दुःख तो इस बात का है<br />अब कुछ जवान होती लड़कियों ने<br />चेहरे पर दुपट्टा बाँध<br />पार्लर आना-जाना शुरू कर दिया है <br />... prabhaavashaalee lekhan ... prasanshaneey rachanaayen ... shaandaar-jaandaar post !!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-15855375600427016632011-01-19T04:38:05.515+05:302011-01-19T04:38:05.515+05:30बेहद अच्छी कविताएँ हैं । मुझे मोनालीशा ब्यूटी पार्...बेहद अच्छी कविताएँ हैं । मुझे मोनालीशा ब्यूटी पार्लर और ’भगवान अमरीका’ ज़्यादा पसन्द आईं। ’माँ’ और ’मोनालीशा ब्यूटी पार्लर’ को पढ़कर साफ़-साफ़ लगता है कि कवि की मानसिकता निम्न मध्यवर्गीय है । कविता में यह मानसिकता का झलकना ही कविता को कमज़ोर करता है। फिर भी कुल मिलाकर कविताएँ मुझे पसंद आईं । कवि को शुभकामनाएँ और सबद का आभार।अनिल जनविजयhttps://www.blogger.com/profile/02273530034339823747noreply@blogger.com