tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post6399899048722980801..comments2024-03-20T11:47:25.959+05:30Comments on सबद: लिखने के बारे में डायरी से कुछ टीपेंUnknownnoreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-84279165656657601062010-06-08T23:21:09.238+05:302010-06-08T23:21:09.238+05:30बहुत खूब. कुछ नया सीखा, कुछ जो भीतर था वह हैरान हु...बहुत खूब. कुछ नया सीखा, कुछ जो भीतर था वह हैरान हुआ. मनीषा कुलश्रेष्ठAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-26458057406564259902010-06-05T01:13:45.737+05:302010-06-05T01:13:45.737+05:30रहने के प्रसंग में एक घर था ...... जिसमे दीवार में...रहने के प्रसंग में एक घर था ...... जिसमे दीवार में एक खिड़की रहती थी ?<br />क्या बढ़िया टिप्स हैं भाई ।<br />हमने भी बहुत सारी जमा कर रखी हैं ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-80716489606697922092010-05-25T19:18:24.829+05:302010-05-25T19:18:24.829+05:30प्रेम जैसी संलग्नता से लिखना चाहिए, लेकिन अपने लिख...प्रेम जैसी संलग्नता से लिखना चाहिए, लेकिन अपने लिखे हुए के प्रेम में पड़ने से भरसक बचना चाहिए. इस लिहाज से हिंदी के वे तमाम पाकेट-बुक्स पढ़ने से भी अपने को बचा लेना चाहिए जिसमें लेखक ने "मेरी प्रिय कहानियां या कविताएं" छपाई हुई हैं........<br /><br />Badhiya....Aabhaar...shubhkaamnaayenAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-76268231865218910902010-05-25T13:17:21.106+05:302010-05-25T13:17:21.106+05:30आप ने बहुत ही सुन्दर अंदाज़ मैं कहा कि हर लेखक लिख...आप ने बहुत ही सुन्दर अंदाज़ मैं कहा कि हर लेखक लिख कर अपनी भाषा का दातुन करता है. दातुन बिला नागा करना चाहिए. ये लेखक के लिये बहुत ही ज़रूरी और महत्वपूर्ण.<br /><br />मैं अंत मैं इतना कहना चाहूंगा कि आप का लिखने का अंदाज़ और भाषा दोनों ही मोहक और प्रभावशाली हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16252422664899321496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-2228665521251055122010-05-24T23:48:55.327+05:302010-05-24T23:48:55.327+05:30badhiya hai!badhiya hai!Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-67399447069345961032010-05-24T12:16:09.472+05:302010-05-24T12:16:09.472+05:30डायरी काम की है, झाँपने का मन है ।
लिखने पर लिख डा...डायरी काम की है, झाँपने का मन है ।<br />लिखने पर लिख डाला, वाह । हम तो नहीं लिख पाने के कारणों पर पुस्तक लिख रहे हैं ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-87142875692525875602010-05-24T07:49:23.328+05:302010-05-24T07:49:23.328+05:30डायरी में इतनी काम की चीजें हैं !
इसे पब्लिक ही क...डायरी में इतनी काम की चीजें हैं !<br />इसे पब्लिक ही कर देवें ! मजार्थ में !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7056011166391074188.post-61031241902711712552010-05-24T07:18:06.310+05:302010-05-24T07:18:06.310+05:30बहुत सही!!
पात्र को जिओ, अहसासो और डूब जाओ उसमें....बहुत सही!!<br /><br />पात्र को जिओ, अहसासो और डूब जाओ उसमें...तब कलम उठाओ!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com